पार्टी फंड व शिफारिशें का लिया जा रहा है सहारा
50 प्रतिशत से भी ज़्यादा कांग्रेसी पार्षदों के ‘आप’ में शामिल होने की आशंका
जैसे-जैसे पंजाब में निगम चुनाव नज़दीक आ रहे वैसे-वैसे कांग्रेसी पार्षदों की दिलों की धड़कनें अब तेज़ होती जा रही हैं क्योंकि इस बार के निगम चुनाव में एक बात तो तय है कि जालंधर में हाल ही में हुई ‘आप’ की जीत के बाद निगम चुनावों में भी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत का रासता बिल्कुल साफ हो चुका है जिसके चलते अब अपने-अपने इलाके में कभी पार्षद की कुर्सी पर बैठने वाले नेताओं की अब टांगे कांपने लगी है कि अब उनकी कुर्सी का क्या होगा। जिसके चलते अब प्रत्येक कांग्रेसी पार्षद पार्टी फंड और शिफारिशों का गुलदस्ता लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों व मंत्रियों के पास हाथ बांधे हुए पहुँच रहा है। अभी हाल ही में जंडियाला विधानसभा क्षेत्र में आप के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ द्वारा कई कांग्रेसी पार्षदों और कांग्रेसी नेताओं को “आप” में शामिल किया गया है। अगर सूत्रों की मान कर चलें तो 50 फीसदी से भी ज़्यादा कांग्रेसी पार्षद आप में शामिल होने के अपनी पूरी तिकड़म लड़ा रहे है। क्योंकि इन कांग्रेसी पार्षदों को अब इस बात का भय है कि अगर उनकी पार्षद की कुर्सी चली गई तो जहां उनके इलाके में उनकी मौजूदा धाक पूरी तरह से खत्म हो जाएगी वहीं अपने पूरे इलाके में विकास के नाम पर किये गए गबन व घौटालों की भी फाइलें खुल जाएगी और इसी बात से बचने के लिए उन्हें ‘आप’ पार्टी की वाशिंग मशीन में धुल कर अपने भृष्टाचार के दाग साफ करने होंगे जिसके लिए उन्हें अब हर हाल में आम आदमी पार्टी का दामन थामना ही होगा नहीं तो कांग्रेसी पार्षदों को हार के बाद लेने के देने भी पड़ सकते है। जिसके चलते अब कांग्रेसी पार्षद आम आदमी पार्टी के नेताओं के दफ्तरों के लगातार चक्कर काट रहें हैं।
अब यहां पर एक बात और गौर करने वाली होगी अगर आम आदमी पार्टी अपने पार्टी फंड के लालच या फिर शिफारिशों के गुलदस्ते लेकर कांग्रेसी पार्षदों को अपने साथ जोड़ती है तो हो सकता है कि आम जनता निगम चुनावों में आने वाले नतीजों को ही बदल दे।