चुनाव लड़ना आम आदमी के बस की नहीं बात
ए.डी.आर.रिपोर्ट में भाजपा, शिअद व ‘आप’ के सभी उम्मीदवार करोड़पति, कांग्रेस के 13 में से 12 करोड़पति
चुनाव मैदान में 23 उम्मीदवार हैं अनपढ़
लुधियाना से जन सेवा ड्राइवर पार्टी का उम्मीदवार सबसे गरीब
बिहार में 7वें चरण के चुनाव में 50 धनबली तो 30 बाहुबली सियासी अखाड़े में
दैनिक भारती (ब्यूरो): किसी ने सच ही कहा है कि इंसान कभी संतुष्ट नहीं हो सकता. जो गरीब हैं वो अमीर बनना चाहते हैँ और जो पहले से ही अमीर हैँ वो सत्ता की ताकत पाकर और अमीर व ताकतवर इंसान बनना चाहते हैँ. एसोसिएशन फॉर डैमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एवं पंजाब इलैक्शन वॉच की ओर से पंजाब के लोकसभा उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण कर जुटाई गई जानकारी के अनुसार मुख्य राजनीतिक दलों भाजपा, आम आदमी पार्टी व शिअद के सभी 13 के 13 उम्मीदवार करोड़पति हैं जबकि कांग्रेस के 13 में से 12 उम्मीदवार करोड़पति हैं। रिपोर्ट के अनुसार लुधियाना सीट से जनसेवा ड्राइवर पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रहे राजीव कुमार मेहरा की कुल चल व अचल संपत्ति मात्र 2500 रुपए है। लुधियाना से हीं आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे डा. किशन कुमार की कुल चल-अचल संपत्ति 3100 रुपए है तो फिरोजपुर से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे चमकौर सिंह की कुल संपत्ति 10,000 है। रिपोर्ट के अनुसार बेशक हरसिमरत कौर बादल उम्मीदवारों की सूची में सर्वाधिक 198 करोड़ की संपत्ति की मालिक हैं लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री व पटियाला से भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर व संगरूर से कांग्रेसी उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैहरा भी करोड़पति हैं। परनीत कौर की संपत्ति 60 करोड़ है जबकि खैहरा की संपत्ति 50 करोड़ दिखाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग की दी गई जानकारी में हरसिमरत कौर बादल ने 54 करोड़, भाजपा के संगरूर से उम्मीदवार अरविंद खन्ना ने 12 करोड़ व पटियाला से शिअद के उम्मीदवार एन. के. शर्मा ने भी 12 करोड़ की देनदारियों का ब्यौरा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार चुनाव मैदान में उतरे 328 उम्मीदवारों में से 23 ने अपनी शैक्षणिक योग्यता निरक्षर यानी अनपढ़ घोषित की है जबकि 184 ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच घोषित की है। सिर्फ 109 उम्मीदवारों ने अपत्ती शैक्षणिक योग्यता स्नातक या इससे अधिक घोषित की है। महिलाओं को प्रतिनिधित्व : हालांकि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनकी लोकतांत्रिक व्यवस्था में 30 प्रतिशत प्रतिनिधित्व की आवाज उठती रही है लेकिन किसी भी मुख्यधारा के राजनीतिक दल ने इसे इस चुनाव में अंजाम नहीं दिया है। सर्वाधिक 23 प्रतिशत यानी 13 में से 3 पर भाजपा ने महिला उम्मीदवार परता है जबकि कांग्रेस 15 प्रतिशत यानी 2 और शिअद ने 8 प्रतिशत यानी 1 महिला उम्मीदवार को चुनाव में उतारा है। आम आदमी पार्टी का रिपोर्ट में इस मुद्दे पर उल्लेख तक नहीं है। आपराधिक पृष्ठभूमि : रिपोर्ट के अनुसार 328 में से 69. यानी 21. प्रतिशत ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं जबकि 47 यानी 14 प्रतिशत ने उनके विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले होने का जिक्र किया है। हत्या से संबंधित मामला दर्ज होने का एक उम्मीदवार ने जिक्र किया है जबकि हत्या का प्रयास करने के मामले दर्ज होने का 6 उम्मीवारों ने जिक्र किया है।
सातवें व अंतिम चरण में बिहार में आठ सीट पर चुनावी दंगल लड़ रहे 134 उम्मीदवारों में 50 से ज्यादा धनबल और *30 बाहुबली का माद्दा रखने वाले हैं। इनमें अव्वल पटना साहिब से भाजपा के प्रत्याशी व पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद हैं। इन्होंने 40 करोड़ 60 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति अपने हलफनामे में बताई है। इतना ही नहीं भाजपा, राजद, कांग्रेस, जद (एकी), रालोमो के सभी उम्मीदवार करोड़पति हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके साथ ही बसपा के आठ प्रत्याशियों में सात धनबल के धनी हैं और 42 निर्दलीय प्रत्याशी में से 16 भी पैसों के धनी हैं। ए.डी.आर. की रिपोर्ट भी बताती है कि ऐसे उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति अढाई करोड़ रुपए आंकी गई है। पटना साहिब से बसपा उम्मीदवार की हैसियत से चुनावी जंग में उतरे नीरज धनबल में दूसरे स्थान पर हैं। कुमार इन्होंने अपने दायर हलफनामे में 23 करोड़ 61 लाख रुपए की जायदाद दर्शायी ‘है। वहीं, काराकाट संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से चुनावी दंगल लड़ रहे भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह धनबल में तीसरे स्थान पर हैं। इन्होंने अपनी संपत्ति 16 करोड़ 75 लाख रुपए बताई है। भाजपा के सासाराम से उम्मीदवार शिवेश कुमार की संपति 14 करोड़ रुपए से ज्यादा और जहानाबाद से निवर्तमान सांसद जद (एकी) प्रत्याशी चन्द्रेश्वर प्रसाद 14 करोड़ रुपए से ज्यादा है। वहीं, सबसे ज्यादा देनदारी 46 करोड़ रुपए बक्सर सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे ददन यादव ने दर्शाई है। बक्सर से ही राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने पांच करोड़ रुपए की देनदारी दिखाई है। सुधाकर बिहार प्रदेश राजद के अध्यक्ष जगतानंद सिंह के बेटे हैं और वे बिहार के पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। देनदारी में तीसरे स्थान पर काराकाट से उम्मीदवार प्रदीप जोशी आते हैं।’ इनकी देनदारी एक करोड़ रुपए के आसपास है। जिन. आठ सीटों पर अंतिम चरण एक जून को मतदान होना है वे हैं नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम (सुरक्षित), काराकाट और जहानाबाद। ऐसा नहीं कि इन सीटों पर उम्मीदवार केवल धनपति ही है, कुछ आपराधिक छवि वाले भी है। काराकाट संसदीय सीट से चुनावी जंग लड़ रहे राष्ट्रीय सेवा दल के प्रदीप कुमार जोशी पर हत्या के मुकदमे के साथ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं बक्सर से बसपा उम्मीदवार अनिल कुमार और नालंदा से निर्दलीय चुनाव लड़ रही संयुक्ता कुमारी क्रम से दूसरे और तीसरे स्थान पर है। अंतिम दौर में बिहार में बाहुबलियों की भी कमी नहीं है। 134 उम्मीदवारों में से 30 पर अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें से 26 गंभीर अपराध के आरोपी हैं। दस उम्मीदवार हत्या का प्रयास और चार पर महिला प्रताड़ना के आरोपी है। भाजपा के पांच में दो, बसपा के आठ में दो, राजद में तीन में तीन, भाकपा माले के तीन में एक, कांग्रेस के दो में एक, रालोमो के एक में एक उम्मीदवार पर गंभीर अपराध के आरोपी हैं।