रात के वक़्त तेज़धार हथियारों के साथ एक ही बाइक पर सवार होकर निकलते हैँ 3 से 4 लुटेरे
पुलिस के सामने से अक्सर हथियारों के साथ मुंह चिढ़ाते हुए निकल जाते हैँ लुटेरे
लुटेरों को रोक उनसे पूछ-तांछ करने की बजाए Swiggy-Zomato डिलीवरी बॉय को पुलिस रात को करती हैं तंग
Swiggy-Zomato की टी-शर्ट पहन व बैग लेकर चलने वाले डिलीवरी बॉय बने लूटेरों का सॉफ्ट टारगेट
पैट्रोल पंप कर्मियों को भी बनाया जा रहा हैं निशाना
रात को चलने वाली फैक्ट्रीयों और रात को सेवाएं प्रदान करने वाले लोगों व कर्मचारियों को लुटेरे बना रहें अपना शिकार
पुलिस लुटेरों को पकड़ने की बजाए आम लोगों को रात को घर से न निकलने की देती हैं सलाह
वारदात के बाद क्राइम ग्राफ को कम दिखाने व वर्क लोड से बचने के लिए पुलिस नहीं करती FIR दर्ज़
दैनिक भारती (ब्यूरो) लुधियाना : जब से पंजाब में “आप” की सरकार आई हैं मानों नशेड़ियों व लुटेरों की तो लाटरी निकल पड़ी हैं अगर यकीन नहीं आता तो रात को 12 बजे के बाद और सुबह 5 बजे से पहले आप अपने इस शहर की गलियों व सड़कों के चक्कर काट कर देख लें सच्चाई खुद भी खुद सामने आ जाएगी और यह भी हो सकता हैं कि आप उस सच्चाई को बताने के लिए अगले दिन ज़िंदा ही न बचे और अगर किसी तरह से ज़िंदा बच भी जाते हैं तो यह भी हो सकता हैं कि अगले दिन ज़ब आपकी आँख खुले तो आप जख़्मी हालत में अस्पताल के बिस्तर पर पड़े हों. लुधियाना शहर में आपको रात में पुलिस कम और लुटेरे ज़्यादा घूमते हुए दिखाई देंगे। पुलिस आपको सिर्फ कुछ मुख्य चौराहों पर ही दिखाई देगी. रात के वक़्त पुलिस जहाँ कुछ चौराहों पर दिखेगी वहीँ लुटेरे आपको उनके पीछे की गलियों में घूमते हुए नज़र आएंगे. आपको उस वक़्त सबसे ज़्यादा हैरानी होंगी जब वही लुटेरे गालियों से निकल कर पुलिस के सामने से बेखौफ़ निकलते हुए दिखाई देंगे और पुलिस उन्हें देख कर अपना मुंह ईधर से उधर घुमाते हुए नज़र आएगी।
बहरहाल एक बात तो त्या हैं कि अगर पुलिस अपनी आई पर आ जाये तो लुटेरों द्वारा किसी को लूटना तो दूर की बात हैं कोई किसी बच्चे से उसका खिलौना तक नहीं छीन सकता।
अभी हाल ही में चुनावों की मत्तगणना वाले दिन रात के समय लुधियाना के समराला चौक के निकट 4 लुटेरो ने जबरदस्ती पैट्रोल पंप कर्मियों से मारपीट करते हुए गाड़ी में तेल डाल लिया। विरोध जताने पर लुटेरों ने पंप कर्मियों के साथ मारपीट की ओर फरार हो गए। पीड़ित पंप कर्मियों ने थाना डिवीजन नंबर 3 की पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने पैट्रोल पंप के मैनेजर राजीव कुमार निवासी शिवाजी नगर के बयान पर काफी जद्दोजहद के बात अज्ञात लुटेरों के खिलाफ केस दर्ज किया। पीड़ित के अनुसार वह श्री सालासर पैट्रोल पंप समराला चौक पर मैनेजर की नौकरी करता है। गत रात्रि पंप कर्मी ने उसे मोबाइल पर जानकारी दी कि 2 अज्ञात लुटेरे जबरदस्ती गाड़ी में तेल डाल कर लूटपाट की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इसके बाद वह मौके पर पहुंचा तो मौके पर मौजूद 4 लुटेरों ने उन पर तेज़धार हथियारों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया और फरार हो गए। पुलिस सी.सी.टी.वी. फुटेज के जरिए आरोपियों की पहचान करने में जुटी है। अब जल्द ही आरोपियों को काबू करने का दावा भी कर रही हैं। वहीँ दूसरी तरफ अब लुटेरे इतने बेखौफ़ हो चुके हैँ कि उन्होंने 10 जून को एक फैक्टरी में घुसकर सिक्योरिटी गार्ड और मुलाजिमों को बंधक बना कमरे में बंद कर दिया। फिर फैक्टरी में पड़ा सारा सामान सोफा, 5 कुर्सियां, सी.पी.यू., यू.पी.ए. और एस.सी. वाल्व (पीतल) नंबर 1301-24 समेत लूट लिया। अगली सुबह इलाके के लोगों ने फैक्टरी मैनेजर को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने बंधक मुलाजिमों और सिक्योरिटी गार्ड को मुक्त कराया। पुलिस को वारदात की सी.सी.टी.वी. फुटेज भी मिल गई है। इस मामले में फिलहाल थाना जमालपुर पुलिस ने 458, 380, 342 और 34 के तहत केस दर्ज कर लिया है। मैनेजर निखिल त्यागी ने पुलिस को बताया कि 10 जून रात को वह फैक्टरी से घर चले गए। इसके बाद 4-5 नकाबपोश बदमाश फैक्टरी में घुस आए। उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड और मुलाजिमों को बंधक बना लिया। लुटेरों ने उनके साथ बुरी तरह मारपीट भी की। उन्होंने उनसे पूछा कि पीतल के वाल्व कहां पड़े हैं। इस पर मुलाजिमों ने बताने से मना कर दिया तो चोरों ने उन्हें थप्पड़ मारे। लुटेरों ने उनके सिक्योरिटी गार्ड समेत 3 से 4 कर्मचारियों को एक कमरे में बंद कर दिया। लोगों ने आकर खोले मुलाजिमों के हाथ-पांव खोले। निखिल ने बताया कि सुबह करीब 5 बजे फैक्टरी के बाहर लोग घूम रहे थे। उनके मुलाजिमों ने शोर मचाकर लोगों को इकट्ठा किया। लोगों की मदद से उन्हें फैक्टरी में लूट की जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत पुलिस चौकी मुंडियां को सूचना दी। पुलिस ने बंधक बनाए गए मुलाजिमों के हाथ-पैर खोले।
रात के समय स्वीग्गी-जोमाटो में काम करने वाले कुछ युवाकों ने नाम न छापने की शर्त पर मीडिया को बताया कि लुधियाना पुलिस एक बाइक पर सवार होकर जा रहें 3 से चार लुटेरों को तो रोकने की हिम्मत नहीं करती क्योंकि एक तो लुटेरे नशे में होते हैं और दूसरा उनके पास तेज धार हथियार होते हैं जिसे वह किसी पर भी इस्तेमाल करने में 1 मिनट भी नहीं लगाते। लुटेरे अक्सर ही पुलिस के सामने से गुजरते रहते हैं मगर पुलिस उन्हें रोकने की बजाय उल्टा स्विग्गी जोमैटो में रात को डिलीवरी का काम करने वाले युवकों को रोककर उनसे पूछ तांछ करने लग जाती है। जो मेहनत करके कमाते हैं पुलिस उनसे अक्सर पूछताछ करती रहती है और जो लूटपाट करते हैं उन्हें देखकर अपना मुंह घुमा लेती है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि लुटेरे ज्यादातर उन युवकों के पीछे पड़ जाते हैं जिन्होंने स्विग्गी जोमैटो की टी शर्ट पहन रखी हो या फिर स्वीग्गी जोमैटो का बैग ले रखा हो। स्विग्गी जोमैटो का काम करने वाले युवकों ने बताया कि वह अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही डंडे वगैरह लेकर चलते हैं मगर लुटेरों के तेजधार हथियार के सामने उनके यह डंडे किसी भी काम में नहीं आते। यूको ने यह भी बताया कि सबसे ज्यादा लूट उनके व उनके अन्य सहकर्मियों के साथ होती है मगर पुलिस उनकी कोई सुनवाई नहीं करती।
अक्सर यह देखने में आता है कि जब भी कहीं भी कोई लूटपाट होती है तो पुलिस जल्द कोई एफआईआर दर्ज नहीं करती। बल्कि पीड़ित के चक्कर पर चक्कर लगवाती रहती है मगर जब किसी लूटपाट की सीसीटीवी वीडियो वायरल हो जाती है तो पुलिस अपनी किरकिरी होता देख कार्रवाई करने के लिए मजबूर जाती है। पुलिस अक्सर ही लोगों को यह कहती हुई नजर आती है कि वह मध्य रात्रि के वक्त घर से निकलने से गुरेज करें। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि लुटेरों के मन में पुलिस का डर होना चाहिए या फिर लुधियाना की आम जनता के दिलों में लुटेरों का खौफ़?