घटनास्थल वाली जगह पर एक तरफ है चौकी और दूसरी तरफ है थाना
दैनिक भारती (ब्यूरो) लुधियाना : लुधियाना शहर अब बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं रहा। रात-बिरात लुधियाना शहर में जहाँ लूटपाट की घटनाएं होना अब एक आम बात बनकर रह गई हैं वहीं अब लुधियाना दिन में भी सुरक्षित नहीं है। लुधियाना में दिन दहाड़े थाने से महज 100 कदम की दूरी पर सिविल हस्पताल के बाहर एक हिन्दू नेता पर निहंग सिंह की वेशभूषा में आए 3 आरोपियों ने सरे बाज़ार अपनी तलवार से ताबड़ तोड़ हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया और केवल इतना ही उन आरोपियों के हौसलें तो देखिए कि इस हमले के बाद घायल हिन्दू नेता की एक्टिवा के ऊपर बैठ कर बड़े ही रौब से वहां से फरार हो गए। हैरानी की बात तो यह है कि इस हमले के वक़्त हिन्दू नेता संदीप थापर के साथ उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी भी उनके साथ उनकी एक्टिव पर उनके पीछे बैठा हुआ था मगर तेजधार तलवारों के साथ निहंगों के सामने आकर हमला करते ही उस पुलिस वाले की सिट्टी-पिट्टी ही गुल हो गई और पास में पिस्तौल होते हुए भी वो कुछ भी न कर सका। बल्कि एक वीडियो में वारदात के बाद सुरक्षा में तैनात पुलिस वाला दिखावा करते हुए हाथ में पिस्तौल लेकर उन आरोपियों को पकड़ने के लिए उनके पीछे दौड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। अब बात यहाँ पर यह भी उठती है कि अगर पुलिस कर्मी चाहता तो उन आरोपियों के पैरों में गोली मारकर उन्हें उनके मंसूबों में नाकामयाब कर सकता था मगर यह भी आशंका जताई जा रही है कि पुलिस वाला भी एक सिख था जिसकी वजह से उसने निहंगों पर उनके इस हमले के जवाब में गोली नहीं चलाई जिसकी पुलिस अब गहीनता से जांच भी कर रही है कि सुरक्षा में तैनात उस पुलिस वाले ने अपनी ड्यूटी सही ढंग से क्यों नहीं निभाईं। अब बात आती है कि जिस जगह यह घटना हुई वहां से करीब 50 कदम की दूरी पर पुलिस चौकी है और करीब 100 कदम की दूरी पर पुलिस थाना और वहीं पर एसीपी सेंट्रल का आफिस भी है मगर इस हमले के बाद पुलिस की कार्यशैली पर लोगों द्वारा संदेह करना भी बिल्कुल वाज़िब सी बात है कि अगर ऐसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर दिनदहाड़े ऐसी वारदातें हो सकती है तो बाकी जगहों की तो बात ही खत्म हो जाती है फिर तो कहने को बचता ही क्या है। इस वारदात के बाद पुलिस के भी हाथपांव फूलने लाज़मी थे क्योंकि इस वारदात ने पुलिस की कानून व्यवस्था पर जहाँ कई सवाल खड़े कर दिए थे वहीं बात उनकी साख पर भी आ गई जिसके बाद हिंदू संगठनों ने भी पंजाब बंद की कॉल दे दी। इन सारे दबाबों के चलते पुलिस भी इधर से उधर भागते हुए नज़र आने लगी और अपनी गिरती हुई साख को बचाने के लिए पुलिस ने इन आरोपी निहंग सिंघों के 2 साथियों की पुलिस ने फतेहगढ़ साहिब से गिरफ्तार कर लिया और सूत्रों का कहना है कि तीसरा निहंग सिंह भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है मगर पुलिस ने अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इस वारदात को लेकर पुलिस पर मीडिया का इतना दबाव बन गया कि उन्हें रात को करीब 9 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस तक बुलानी पड़ गई और आरोपियों को मीडिया के समक्ष पेश कर अपनी पीठ थपथपाने का मौका मिल गया क्योंकि देर शाम तक लुधियाना पुलिस की बहुत किरकिरी हो चुकी थी और पुलिस के आलाधिकारियों ने मीडिया का फ़ोन तक उठाना बंद कर दिया था। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस ने बताया कि इस वारदात को अंजाम देने वाले असल में असली निहंग सिंह ही है न के निहंग सिंह के भेष में कोई और। मगर इस वारदात के पीछे उनका असल मकसद क्या था यह अभी एक जांच का विषय है जिसका खुलासा भी जल्द कर दिया जाएगा। फिलहाल इस हमले ने एक बार फिर से इस सवाल को खड़ा कर दिया है कि क्या पंजाब में अब हिन्दू सुरक्षित नहीं है?