दैनिक भारती (बयूरो) : राजनीति में आपने अक्सर बड़ी-बड़ी पार्टियों के बड़े-बड़े और नामी-गिरामी नेताओं को अपनी कुर्सी को कायम रखने के लिए दल बदलते हुए देखा होगा। कभी इस पार्टी में तो कभी उस पार्टी में। जिस पार्टी की डफ़ली उनके हाथ में आ जाती है वह उसी राजनीतिक पार्टी का गुणगान करने लग जाते है। जो पार्टी कभी उन्हें एक ज़हर के समान और एक नरक जैसी लग रही होती है उसमें शामिल होते ही ऐसे नेताओं के लिए वह एक अमृत कलश के समान लगने लग जाती है और नर्क सी दिखने वाली पार्टी कब स्वर्ग में तब्दील हो जाती है यह किसी को भी पता नहीं चल पाता। सारा का सारा खेल सत्ता से प्राप्त की जाने वाली ताकत और पैसों का है। ऐसे में देश के एक आम आदमी को ऐसे नेताओं से क्या उमीद करनी चाहिए। लोगों को अब यह बताने की भी ज़रूरत नहीं है कि उन्हें क्या और कैसे करना चाहिए क्योंकि, आज के जमाने में लोग इस तेज़ी से बदलते युग में स्मार्ट फ़ोन के साथ अब लोग खुद भी स्मार्ट होते जा रहें हैं जो अपने गुस्से और नाराज़गी का जवाब ‘वोट से चोट’ करके देने वाले हैं। बस यहां पर एक बात गौर करने वाली है कि जो नेता खुद का या फिर अपनी पार्टी का नहीं वो किसी का नहीं हो सकता उसे तुरंत जनता को अपने वोट की ताकत से राजनीति से बाहर कर देना चाहिए क्योंकि ऐसे नेता राजनीति की सत्ता में जनता के पैसों से ही तो एक खानदानी राजवाड़े की तरह ऐशों-आराम की ज़िंदगी जीतें हैं। क्या फिल्मी सितारे किसी का भला कर सकते हैं जिनके पास लाखों करोड़ों रुपए है और वह पैसों की अधिक लालसा व सत्ता की ताकत से भरी कुर्सी के चक्कर में राजनीति में कूद पढ़ते हैं और चुनाव जितने के बाद दिखाई तक नहीं देते। क्या अब भी बदलाव की ज़रूरत नहीं है? देश को बदलने की ज़रूरत नहीं हैं? क्या ऐसे चेहरों या फिर युवाओं को राजनीति में नहीं लाना चाहिए जिन्होंने ज़िंदगी को बहुत ही करीब से देखा हो और जिनके पास देश की राजनीति में सुधार लाने के स्किल्स हों। सब जानते है कि राजनीति में आने के लिए एक मोटी रकम की ज़रूरत होती है जो एक आम आदमी के पास तो होती ही नहीं है तो ऐसे में राजनीति की गंदगी को साफ करने वाला उसका स्किल्स और दिमाग क्या काम करेगा। पैसा है तो सब मुमकिन हो जाता है। ज़्यादातर लोग सत्ता में सेवा के लिए नहीं बल्कि कुर्सी पर बैठते ही मिलने वाले मेवा के चक्कर में आते है तो ऐसे में हमें अपनी वोट ऐसे नेताओं को कतई नहीं देनी चाहिए जो कुर्सी के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं क्योंकि जो ख़ुद के ज़मीर का नहीं वो आपका क्या होगा।