दैनिक भारती (ब्यूरो) लुधियाना: अपनी घटिया कारगुज़ारी को लेकर पंजाब पुलिस अक्सर चर्चा में बनी रहती है क्योंकि पंजाब सरकार से भारी भरकम तनख्वाह व सुविधाएं लेने वाली पुलिस का किसी काम को ढंग से पूरा न कर पाने में अक्सर यह तर्क या फिर हवाला दिया जाता है कि उनपर काम का बोझ बहुत ज़्यादा है और पेंडिंग पड़े कार्यों को पूरा करने के लिए उनके पास पर्याप्त फ़ोर्स ही नहीं है। मगर इस तर्क या फिर इस हवाले के आधार पर अपराधियों को अपराध करने के लिए खुली छूट तो नहीं दी जा सकती। पुलिस किसी भी प्रकार का अपराध हो जाने के बाद अक्सर FIR दर्ज करने से कतराती रहती है क्योंकि FIR के दर्ज होने के बाद जहां उनके ऊपर काम का बोझ बढ़ जाता है वहीं उस इलाके से सम्बंधित थाने या फिर पुलिस चौकी का क्राइम ग्राफ भी ऊपर चला जाता है जिसके चलते संबंधित थाने के जांच अधिकारी को अपने उच्च स्तर के अधिकारियों को जवाब देना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। मगर इस सब के कारण अपने साथ अपराध होने के बाद पीड़ित व्यक्ति अगर FIR नहीं दर्ज करवाएगा तो फिर उसे इंसाफ कैसे मिलेगा जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल है।
ऐसा ही कुछ झेलना पड़ रहा है लुधियाना के हैबोवाल इलाके के रहने वाले मनोज कुमार को जो कि 14 जनवरी को सुबह करीब पांच बजे दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से लुधियाना आया और लुधियाना रेलवे स्टेशन पर उतरते ही ऑटो गैंग की लूट का शिकार हो गया और उसी के साथ ही एक अन्य यात्री भी उसी ऑटो गैंग की लूट का शिकार हो गया जो के राजस्थान से लुधियाना आया था। दोनों ही पीड़ित युवक अब अपने साथ हुई लूट की वारदात की FIR दर्ज करवाने के लिए पुलिस स्टेशन के चक्कर पे चक्कर काट रहें है। कभी पुलिस उनको हदबंदी के चक्करों में उलझा देती है तो कभी जांच अधिकारी की गैरमौजूदगी का हवाला देकर अगले दिन आने को कह देती है तो कभी उल्टा पीड़ितों को ही धमकाते हुए यह कहने लग जाती है कि तुम लुटेरों के ऑटो में बैठे ही क्यों थे और जब लुटेरों ने तुम लोगों को सुनसान जगह पर लेजाकर लूटा तो तुमने खुद को लूटने ही क्यों दिया। यानी पुलिस अब पीड़ितों को असिधे तौर पर यह कहना चाहती है कि तुम्हारे साथ जो होना था वो हो गया अब FIR दर्ज करवा कर पुलिस का काम क्यों बढ़ा रहे हो। यानी अगर देखा जाए तो पुलिस इस पूरे मामले में FIR दर्ज न करके असिधे तौर पर कहीं न कहीं लुटेरों की मदद कर उनके आपराधिक हौंसलों को और बढ़ावा दे रही है।
पीड़ित युवक मनोज कुमार ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि दोनों ही अलग-अलग ट्रेनों से सफर करके आए थे और यह दोनों युवक जब लुधियाना रेलवे स्टेशन पर सोमवार की सुबह के करीब 5 बज़े पहुंचे तो इन्होंने लुधियाना रेलवे स्टेशन के बाहर से ग्यासपुरा की ओर जाने के लिए एक ऑटोरिक्शा पकड़ लिया और जब यह दोनों ही युवक ऑटो में बैठे तो इनके मुताबिक एक लुटेरा सवारी बनकर पहले से ही ऑटो में बैठा हुआ था और चंद सेकंड बाद ही एक-एक कर तीन अन्य लुटेरे भी सवारी बन कर आए और ऑटो चलाने वाले लुटेरे के साथ सवारियों की तरह ही वर्ताव, बहस बाज़ी व किराए का मोलभाव करते हुए ऑटो में सवार हो गए। इन दोनों ही पीड़ित युवकों के मुताबिक उन्हें एक पल के लिए भी यह नहीं लगा कि इन दोनों के इलावा ऑटो चालक सहित बाकी सभी के सभी लोग कोई यात्री नहीं बल्कि लुटेरे हैं और यह सभी पांचों लुटेरे एक सुनियोजित ढंग से उन्हें एक मछली की तरह अपने जाल में फंसा कर आगे लेजाकर अपना शिकार बनाने वाले हैं। यहां तक कि दोनों ऑटो पर बैठने से पहले यह भी चेक करना भूल गए कि ऑटोरिक्शा की रेजिस्ट्रेशन नम्बर प्लेट लगी हुई है या नही। इन दोनों युवकों के मुताबिक सभी लुटेरे बात करने व दिखने में एकदम से पढ़े लिखे व एक सामान्य जेंटलमैन व्यक्ति की तरह ही दिख रहे थे।
लुधियाना के हैबोवाल इलाके में रहने वाले पीड़ित युवक मनोज कुमार व रंजीत के मुताबिक लुटेरे एक सुनियोजित तरीके से कई तरह के तर्क देते हुए व बहाने बनाते हुए शहर के मुख्य चौराहों से होते हुए दोनों को एक सूनसान जगह पर ले गए और फिर अपनी लूट के कार्यक्रम को अंजाम देना शुरू कर दिया। इन सभी लुटेरों ने अपने कपड़ों में पहले से ही छुपा कर रखी हुई एक पिस्तौल व अन्य तेजधार हथियार निकाले और इसके बल पर सबसे पहले उनसे उनके मोबाइल फ़ोन छीन लिए और उनसे उनके UPI का पिन, पासवर्ड व बैंक बैलेंस व डिटेल पूछने लगे और साथ ही साथ UPI से लिंक उनके बैंक खातों का बैलेंस भी क्रॉस चेक करने लगे। लुटेरों ने पीड़ित मनोज कुमार से करीब 50 हज़ार रुपये की नकदी, बैंक ATM एंव Credit Cards, मोबाइल व अन्य कीमती सामान भी लूट लिया और दूसरे युवक से भी उसका मोबाइल फोन, नकदी व ATM Cards व अन्य कीमती सामान लूट लिया और साथ ही बैंक डिटेल व पिन पासवर्ड पूछते हुए वहाँ से फरार हो गए। मगर इससे पहले कि लुटेरे मनोज कुमार के बैंक खाते से UPI के माध्यम से उसकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर पाते मनोज ने आने साथ हुई इस लूट की वारदात के बाद समय रहते ही सतकर्ता व अकलमंदी दिखाते हुए अपने सभी खातों से संबंधित बैंक के ग्राहक सेवा अधिकारी को घटना की जानकारी देते हुए अपने सभी बैंकों की UPI सर्विसेज को तुरंत ही निष्क्रिय करवा बंद करवा दिया जिसकी वजह से आरोपियों की सभी UPI ट्रांसक्शन फेल हो गई और वो और भी ज़्यादा वित्तिय नुकसान से बच गया। मनोज को इस बात का अगले दिन तब पता चला जब उसने किसी अन्य फोन पर अपना सिम स्वैप करके एक्टिवेट करवाया तो उसको उसके फोनेपे एप्प से अटैच्ड ईमेल पर UPI ट्रांज़ैक्शन फेल्ड के नोटिफिकेशन आए हुए थे जो कि किसी निखिल टेलीकॉम को ट्रांसफर करने की कोशिश की जा रही थी।
इस पूरी घटना में एक बात यह भी हैरान कर देने वाली थी कि लुटेरे इन दोनों ही यवकों को शहर के सुभानी बिल्डिंग, सीएमसी, सुफिया चौक, चीमा चौक व कैंसर हॉस्पिटल नामक जिन मुख्य चौराहों से गुज़रते हुए लेकर गए वहां पर न तो कोई PCR तैनात थी और न ही कोई पुलिसवाला गश्त कर रहा था। दोनों ही युवकों ने यह भी अंदेशा जताया कि उनके साथ जो यह लूट की वारदात हुई है कहीं न कहीं पुलिस के कुछ पुलिस मुलाज़िमों की भी मिलीभगत इन लुटेरों के साथ हो सकती है जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ा जांच का विषय भी है क्योंकि घटना के बाद दोनों ही युवकों ने आसपास बेहद दूर तक कई मुख्य चौराहों पर पुलिस को ढूंढा मगर उन्हें कहीं भी कोई भी ड्यूटी पर गश्त करता हुआ नहीं मिला और थक हार कर उन्हें किसी तरह से थाने ही जाकर अपनी शिकायत देनी पड़ी और इसके लिए गेट बंद कर रखे गए थाने के अंदर दाखिल होने के लिए उन्हें सबसे पहले तो काफी जद्दोजहद करनी पड़ी और जब वह किसी तरह से थाने के अंदर पहुँचे तो हदबंदी का हवाला देकर इन दोनों ही पीड़ित युवकों को इधर से उधर भगाते रहे। प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक इनमें से एक युवक की शिकायत लुधियाना के थाना मोतीनगर में तो दूसरे की शिकायत थाना डिवीज़न नम्बर 07 में ली गई है और जांच व इन्वेस्टिगेशन अफसर की गैरमौजूदगी का हवाला देकर उन्हें अगले दिन आने को कहा गया है। जब कि दोनों के साथ लूट की वारदात एक ही जगह पर घटित हुई है। जिससे यह बात साफ ज़ाहिर हो रही है कि पुलिस लूट की इस वारदात को जल्द से जल्द हल कर लुटेरों को सलाखों के पीछे पहुचाने के लिए अभी बिलकुल भी मूड में नहीं लग रही हैं और इसमें यह भी कहना गलत नहीं होगा कि लुधियाना जैसी स्मार्ट सिटी में लॉ एंड आर्डर को मेन्टेन रखने का दम भरने वाली लुधियाना पुलिस अपराधियों के बुलंद हौंसलों के सामने अब हांफती हुई भी दिखाई दे रही है। अगर लुधियाना पुलिस थोड़ी सी सक्रियता दिखाए तो इन लुटेरों द्वारा UPI से की गई ट्रांसक्शन की मदद से बहुत ही कम समय में इनको पकड़ सकती है