PSPCL अधिकारियों को तत्काल कनेक्शन जोड़ने के दे दिए हैं आदेश: आप विधायक
दैनिक भारती (ब्यूरो): लोकसभा चुनावों से पहले अपनी फाइनेंसियल ईयर की क्लोजिंग के चलते बिज़ली विभाग ने बड़ी संख्या में उन उपभोक्ताओं के घरों के धड़ा-धड़ बिज़ली के कनेक्शन काट दिए है जिन्होंने अपना पिछला बकाया अभी तक जमा नहीं करवाया है। होली के त्योहार से ठीक 3 दिन पहले कई घरेलू उपभोक्ताओं के ऊपर PSPCL की गाज गिर चुकी है। यानी कि एक बात तो साफ है कि जिन घरेलू उपभोक्ताओं के कनेक्शन 22 मार्च या इससे पहले कट चुके हैं और अगर उन्होंने 23 मार्च तक अपना बकाया बिल जमा नहीं करवाया तो 24, 25 मार्च को रविवार व होली की सरकारी छुट्टियों के चलते वो अपना घरेलू कनेक्शन नहीं जुड़वा पाएंगे जिससे उन्हें न चाहते हुए भी अंधेरे में बिना पानी और बिज़ली के रहना पड़ सकता है और ऐसे में उनके होली के त्योहार को मनाने का मज़ा भी किरकिरा हो जायेगा। अगर सूत्रों की मान कर चलें तो इस बार PSPCL के अधिकारियों द्वारा उन घरेलू उपभोक्ताओं के भी घरों के बिज़ली कनेक्शन काट दिए गए हैं जिनकी बकाया या फिर देय राशि 10 हज़ार रुपये या फिर इससे भी ऊपर है। हालांकि ज़्यादातर घरेलू उपभोक्ता किसी न किसी प्रकार के आर्थिक संकट या फिर अन्य कारणों के चलते अपनी देय राशि जमा नहीं करवा पाएं हैं। लोक सभा चुनावों के नज़दीक आते ही PSPCL के अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर एक अभियान के तहत इस कार्रवाई को अंजाम देने के पीछे फाइनेंशियल ईयर क्लोजिंग को कम व “AAP” पार्टी के खिलाफ अन्य विरोधी पार्टियों द्वारा कथित तौर पर एक राजनीतिक साजिश किए जाने की भी चर्चा जोरों पर है तांकि अन्य विरोधी दल की पार्टियां आम आदमी पार्टी के खिलाफ PSPCL अधिकारियों से सेटिंग कर उन्हें एक टूल की तरह इस्तेमाल कर सके और लोकसभा चुनावों से ठीक पहले फाइनेंसियल ईयर क्लोजिंग की आड़ में एक बड़े स्तर पर कार्रवाई करवा कर घरेलू उपभोक्ताओं के दिलों में आम आदमी पार्टी के प्रति द्वेष या फिर एक नफरत की भावना जगाई जा सके और आम आदमी पार्टी के ज़्यादा से ज़्यादा वोट बैंक को बेहद ही आसानी से नुकसान पहुँचाया जा सके।
हालांकि आप नेता इस बात से कतई सहमत नहीं है और वो भी PSPCL अधिकारियों की घरेलू उपभोक्ताओं के खिलाफ इस कार्रवाई के पीछे फाइनेंसियल ईयर की क्लोजिंग को ही इसकी मुख्य वजह मान रहें हैं मगर अगर सूत्रों की भी मानकर चलें तो अन्य विरोधी पार्टियों द्वारा PSPCL के अधिकारियों से एक सेटिंग के तहत ज़्यादातर उन इलाकों के घरेलू उपभोक्ताओं को टारगेट किया जा रहा है जहां पर आम आदमी पार्टी का वोट बैंक बहुत मज़बूत है और यह बात भी जगजाहिर है कि आम जनता किसी भी राजनीतिक पार्टी या फिर किसी भी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी का जवाब ‘वोट से चोट’ करके देती है। पीड़ित घरेलू उपभोक्ताओं का कहना है कि होली के त्योहार के ठीक नज़दीक आते ही बिज़ली विभाग ने घरेलू उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने की कार्रवाई को अंजाम देकर उनके दिलों को एक गहरी ठेस पहुंचाई है और उनकी होली भी पूरी तरह से खराब करके रख दी है जिसे व कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते और अब वो इन लोकसभा चुनावों में “AAP” पार्टी को वोट बिल्कुल भी नहीं डालेंगे।
PSPCL कर्मचारी सार्वजनिक तौर पर करते हैं ज़लील
PSPCL के ज़्यादातर पीड़ित घरेलू उपभोक्ताओं ने बताया कि उनका बिज़ली कनेक्शन काटने के बाद संबंधित कर्मचारी घर के बाहर खड़े होकर बिज़ली का बिल जमा न करवाने को लेकर ऊंची आवाज में बात कर उनको डिफॉल्टर कहते हुए सार्वजनिक तौर पर उन्हें ज़लील करके चलते बनते हैं जिससे समाज में उनके मान सम्मान को बेहद ठेस पहुँचती है जबकि ऐसा करना बेहद गलत है।
महज़ इत्तफाक या फिर साज़िश?
हालांकि यह महज़ एक इतिफाक है या फिर एक बड़े स्तर पर सोची समझी साजिश यह तो अपने आप में एक जांच का विषय है मगर इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि राजनीति में सब कुछ होना संभव है और वो भी तब जब लोक सभा चुनाव सिर पर हों और आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब में लोगों से यह कह कर एक-एक वोट हासिल करना कि वह एक आम आदमी की पार्टी है।
क्या कहते हैं आप नेता:
हालांकि इस पूरे विषय पर जब आम आदमी पार्टी के नेता व मौजूदा विधायक दलजीत सिंह भोला ग्रेवाल से बात की गई तो उनका कहना था कि PSPCL अधिकारियों के द्वारा फाइनेंसियल ईयर की क्लोजिंग में रिकवरी के दबाव के चलते इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है मगर फिर भी आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों द्वारा अपने इलाके से संबंधित PSPCL के अधिकारियों व कर्मचारियों को यह आदेश भी दे दिए गए हैं कि जिन घरेलू उपभोक्ताओं के कनेक्शन देय राशि की वजह से काट दिए गए हैं उन्हें तत्कालीन प्रभाव से तुरंत दोबारा से जोड़ दिये जाएं व उन सभी घरेलू उपभोक्ताओं को कुछ और समय देते हुए या फिर उनकी देय राशि की आसान किस्तें बनाते हुए उन्हें अदायगी करने का पूरा मौका दिया जाए। हालांकि आप विधायक ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि लोकसभा चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी की वोट बैंक को तोड़ने को लेकर इसके पीछे विरोधी राजनीतिक पार्टियों द्वारा PSPCL अधिकारियों या कर्मचारियों को अपने साथ मिलाकर किसी राजनीतिक साज़िश को अंजाम दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि सर्दियों में बिजली की खपत कम होने के चलते कई घरों का बिज़ली का बिल तो जीरो बन रहा है मगर जिन घरों का पिछली गर्मियों में अधिक खपत के चलते बिल बन गया था और या फिर जिनका पुराना बिल काफी लंबे समय से बकाया खड़ा है उन सभी के ऊपर PSPCL के द्वारा लोकसभा चुनावों से पहले अपनी इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। बहरहाल अब देखना यह होगा कि PSPCL द्वारा अपने घरेलू उपभोक्ताओं के ऊपर की गई इस प्रकार की कार्रवाई के चलते लोकसभा चुनावों में क्या वाकई में आम आदमी पार्टी को वोटों का नुकसान उठाना पड़ता है या फ़िर नहीं?